5 Simple Techniques For maha kali kavach

मुण्डमालावृतांगी च सर्वतः पातु माम् सदा।

हसकल ह्रीं ह्रीं रिपून् सा हरतु देवी सर्वदा।।

क्लीं कपालं सदा पातु ह्रीं ह्रीं ह्रीं इति लोचने ।

सर्वदेवस्तुते देवी कालिके त्वां नमाम्यहम् ।।

You will find various yantra for various deities. Yantras are energy channels to get rid of psychological , mental and physical blockages and that's why aids a Devotee / Sadhak with superior good condition...

मुखं सौम्यमुखी पातु ग्रीवां रक्षतु पार्वती ।

Hindus think Sanskrit is actually a language of dynamism, and each of those letters signifies a method of energy, or perhaps a type of Kali. As a result, she is normally found given that the mom of language, and all mantras.

आद्य काली चिंतामणि काली स्पर्शमणि काली संतति काली सिद्धि काली दक्षिणा काली भद्रकाली श्मशान काली अथर्वण भद्रकाली कामकला काली गुह्य काली हंस काली कलसंकर्षिणि काली

विभ्राणां रक्तवसनां घोरदंस्ट्रा स्वरूपिणीम् ।

ये पठन्ति सदा तेषां ध्रुवं नश्यन्ति शत्रवः।।

ऐशान्यां पातु मे नित्यं महात्रिपुरसुन्दरी ॥ ३॥

माँ काली कवच का पाठ सभी प्रकार की तंत्र विद्याओं और बुरी शक्तियों से रक्षा करता है। अलग-अलग पुस्तकों में काली कवच का अलग-अलग रूप देखने को मिलता है, यहाँ रुद्रयामल तंत्र में वर्णित काली कवच का पाठ दिया गया है। इस कवच के अर्थ को लिखते समय अत्यंत सावधानी की गयी है, यह अर्थ लेखक के स्वविवेक और समझ के अनुसार लिखा गया है। इस अर्थ का उद्देश्य मात्र श्लोकों को समझने के लिए है। कवच के मन्त्रों के साथ अर्थ का पाठ न करें। काली कवच का पाठ तांत्रिक पूजन में किया जाता है maha kali kavach जिसके लिए गुरु के सानिध्य में होना आवश्यक है, साधारण व्यक्ति को इस कवच का पाठ करने से बचना चाहिए। साधारण साधक केलिए दुर्गा चालीसाया देवीकवच ही पर्याप्त है। श्री गणेशाय नमः

इत्येत कवचं दिव्यं कथितं शम्भुना पुरा।

ॐ क्रीं भद्रकाल्यै स्वाहा मम वक्षः सदाऽवतु ।

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